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गोरखपुर

मुख्यमंत्री के जिले में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या में 14 प्रतिशत की वृद्धि, संख्या दस हजार पार

पहले 8600 अति कुपोषित बच्चे थे जिले में अब यह संख्या बढ़कर 10094 हुई
पोषण माह के तहत चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान

गोरखपुरSep 14, 2019 / 02:17 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

 Like Sumailia, this district of MP is fighting the battle of malnutrition

Like Sumailia, this district of MP is fighting the battle of malnutrition

मुख्यमंत्री के जिले में अति कुपोषित बच्चों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। 14 प्रतिशत अतिकुपोेषित बच्चों की संख्या में इजाफा के साथ अब जिले में 10094 बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं। जबकि करीब 60 हजार पीली श्रेणी वाले कुपोषित बच्चे चिन्हित किए गए हैं।
कुपोषण से जंग के लिए इस पूरे महीना सरकार पोषण माह मना रही है। कुपोषण के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है। तमाम सरकारी योजनाएं भी इसके लिए चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के जिले गोरखपुर में भी कुपोषण के खिलाफ जंग के लिए पोषण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस बार सीएम के जिले में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या में करीब चैदह प्रतिशत का इजाफा हो गया है। अबतक यहां 8600 बच्चे अतिकुपोषित थे लेकिन अब यह बढ़कर 10094 हो गए हैं। इसी तरह कुपोषण की पीली श्रेणी में करीब साठ हजार इस जिले में बच्चे चिंहित किए गए हैं।
विभाग का दावा जागरूकता अभियान का हो रहा सकारात्मक असर

जनपद में बीते 01 सितम्बर से शुरू होकर 30 सितम्बर तक चलने वाले पोषण माह में इस बार पुरुषों की भागीदारी को विभाग कुपोषण के खिलाफ जंग को एक नयी धार मान रहा है। विभागीय जानकारों के अनुसार पिछले वर्ष इसी समयावधि में जहां पुरुष भागीदारी ना के बराबर थी, वहीं इस साल खासी संख्या में पुरुषों ने महीने के पहले सप्ताह में ही पोषण गतिविधियों में हिस्सा लिया। महिलाओं के साथ पुरुषों की भागीदारी से पहले हफ्ते में जिला कार्यक्रम विभाग ने करीब पंद्रह हजार गतिविधियों का जिले भर में आयोजन करवाया। जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने बताया कि पोषण माह के दौरान जनपद के कुल 4112 आंगनबाड़ी केंद्रो पर पहले सप्ताह में 15001 गतिविधियां आयोजित की गयीं। इस बार की गतिविधियों में अप्रत्याशित पुरुष भागीदारी देखने को मिली है। कुल 1.84 लाख पुरुषों ने जबकि 2.41 लाख महिलाओं ने पोषण संबंधी गतिविधियों में प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि 04 सितम्बर को जिले के 516 एएनएम सब सेंटर पर सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया जिनमें 0-5 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण हुआ। डीपीओ ने बताया कि पांच सितम्बर को बचपन दिवस को बाल सुपोषण उत्सव के तौर पर मनाया गया। इस उत्सव में 6 महीने से 6 साल तक की उम्र के करीब 3 लाख बच्चे अपने अभिभावकों के साथ शरीक हुए। सभी बच्चों के अभिभावक घर से भोजन लेकर आए थे और बच्चों को समूह में बैठा कर भोजन कराया गया।
एनआरसी में भर्ती कराने की अपील

डीपीओ ने जनपद के लोगों से अपील की है कि जिनके भी बच्चे अति कुपोषित में चिन्हित हुए हैं उन्हें अपने बच्चों को बीआरडी मेडिकल काॅलेज स्थित पोषण पुनर्वांस केंद्र (एनआरसी) या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोटिवेशन के बावजूद लोग अपने अति कुपोषित बच्चों को भी एनआरसी ले जाने के लिए तैयार नहीं होते जबकि वहां इलाज से लेकर पौष्टिक खानपान व रहने की व्यवस्था उपलब्ध है। जो अभिभावक बच्चे के साथ मौजूद रहते हैं, उनके खाते में प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी भेजी जाती है।
फालोअप पर भी जोर

शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) पीके श्रीवास्तव ने बताया कि पोषण माह के आयोजनों के दौरान उन बच्चों और किशोरियों के फालोअप पर भी जोर है जो अति कुपोषित या एनीमिक चिन्हित हुए थे। सेमरा नंबर दो के अति कुपोषित बच्चे आयुष को पिछले दिनों एनआरसी से डिस्चार्ज कर दिया गया था। इस बार वजन दिवस में फिर से आयुष का वजन कराया गया।

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